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दिल के चंद एहसास



दर्द काँटों का, मिलें कलियाँ, तो भुला देंगे
सबनम-ए-प्यार से, दामन अपना नहला देंगे।। 
अभी तो आशिकी का, आगाज हुआ है यारों
अंजाम-ए-उल्फत, परवान चढ़ेगा तो बतला देंगे।।



----विचार एवं शब्द-सृजन----
----By---
----Shashank मणि Yadava’सनम’----
---स्वलिखित एवं मौलिक रचना---

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8 Comments

Gunjan Kamal

07-Oct-2022 01:22 PM

बहुत खूब

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Supriya Pathak

17-Sep-2022 11:38 PM

Achha likha hai 💐

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Swati chourasia

16-Sep-2022 09:53 PM

बहुत खूब

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